हाथियों का प्रबंधन समझने काजीरंगा नेशनल पार्क जाएंगे सीएम मोहन यादव

हाथियों का प्रबंधन समझने काजीरंगा नेशनल पार्क जाएंगे सीएम मोहन यादव

पत्नी के साथ किए कामाख्या देवी के दर्शन, भूटान के निवेशकों से भी होगी चर्चा

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इन दिनों असम प्रवास पर हैं। रविवार को उन्होंने गुवाहाटी स्थित कामाख्या देवी मंदिर में अपनी पत्नी के साथ दर्शन किए। मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद सीएम ने कहा कि वे सोमवार को काजीरंगा नेशनल पार्क का दौरा करेंगे, जहाँ हाथियों के प्रबंधन और संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों का अध्ययन करेंगे।

टाइगर स्टेट से हाथी प्रबंधन तक

सीएम ने कहा, “हमारा मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट के रूप में जाना जाता है। लेकिन अब यहाँ हाथियों की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसे में उनके भविष्य और प्रबंधन की चुनौतियों को समझने की ज़रूरत है। वन्य पर्यटन से लोगों को जोड़ने और वन्य प्राणियों के संरक्षण के विषय में काजीरंगा पार्क का अनुभव उपयोगी होगा।”

व्यापार बढ़ाने पर जोर

मुख्यमंत्री ने बताया कि वे असम के व्यापारियों और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दोनों राज्यों के आपसी संबंध और मजबूत होंगे। “असम और मध्यप्रदेश के बीच व्यापार की बड़ी संभावनाएँ हैं, इस दिशा में चर्चा की जाएगी।”

भूटान के निवेशकों से संवाद

डॉ. यादव सोमवार को गुवाहाटी में पूर्वोत्तर राज्यों के निवेशकों और भूटान के प्रतिनिधियों से वन-टू-वन बातचीत करेंगे। इस सेशन को रॉयल भूटान काउन्सलेट के काउंसिल जनरल जिग्मे थिनायल नामग्याल भी संबोधित करेंगे। सीएम इस दौरान मध्यप्रदेश की निवेश नीतियों और उद्योगों के लिए अवसरों की जानकारी देंगे।

एमपी: निवेश का आदर्श गंतव्य

सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश अपनी केंद्रीय भौगोलिक स्थिति, विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर और आसान बाजार पहुँच के कारण निवेशकों के लिए अनूठा केंद्र बन रहा है। राज्य सरकार ने उद्योग-अनुकूल नीतियाँ और क्लस्टर आधारित विकास मॉडल तैयार किए हैं, जिससे निवेशक अपनी योजनाओं को तेजी से लागू कर सकते हैं।

पूर्वोत्तर के उद्योगपतियों के लिए सीएम ने फार्मा, सीमेंट, टी-रिसर्च, प्लांटेशन, लॉजिस्टिक्स और पेट्रोकेमिकल्स जैसे क्षेत्रों को मध्यप्रदेश में निवेश हेतु उपयुक्त बताया।

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